Double Top – यह पैटर्न दीखते ही करें शेयर की बिकवाली।

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बाजार में अनेक कैंडल स्टिक से मिलकर बोहोत सारे पैटर्न बनते हैं, वह पहचानने में काफी आसान होते हैं।

आज हम कुछ इसी प्रकार के पैटर्न को जानेंगे जो की हैं डबल टॉप चार्ट पैटर्न।

डबल टॉप चार्ट पैटर्न क्या हैं ?

टेक्निकल एनालिसिस में डबल टॉप एक चार्ट पर बनने वाला पेटर्न है जो की, अंग्रेजी अक्षर M की तरह दीखता हैं।

डबल टॉप बाजार में एक बेयरिश रिवर्सल पैटर्न हैं जो की, शेयर बाजार में तेजी के ट्रेंड में बनता हैं। मतलब कि बाजार में जो तेजी चल रही है वह समाप्त हो गयी हैं और बाजार में मंदी आने वाली हैं।  
Double top chart pattern trading strategy in Hindi.

Double Top कैसे बनता हैं ?

अब हम पढ़ते हैं कि, डबल टॉप चार्ट पेटर्न कैसे बनता है और इसके बनते समय हमें किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। 

बाजार में तेजी का ट्रेंड चल रहा है और डबल टॉप के बनने में यह महत्वपूर्ण है कि, जो पिछला ट्रेंड हो वह बुलिश ट्रेंड हो।

जब चार्ट में डबल टॉप बने तो यह जरूरी है कि, पहला टॉप पिछले ट्रेंड का Highest High हो।

इसके बाद ट्रेंड सबसे हाईएस्ट हाई बनाकर प्राइस रजिस्टेंस लेकर नीचे की ओर गिरना शुरू होता है।

यह गिरावट लगभग 10% से 20% हो सकती हैं। 

Double top pattern in hindi

इससे पहले टॉप में वॉल्यूम दूसरे टॉप की तुलना में अक्सर ज्यादा होता है। पहला टॉप बनने के बाद जब बाजार में गिरावट होती हैं तब वॉल्यूम साधारण हो जाता है। 

इसके कुछ समय बाद यह गिरावट सपोर्ट लेकर रुक जाती हैं और कुछ समय तक एक रेंज में ट्रेड करती हैं।

आप कुछ समय तक support पर रुकने के बाद प्राइस वापस से ऊपर की तरफ जाता है और ठीक उसी लेवल पर या उसके आसपास दूसरा कौन बनाता है।

यह दूसरा टॉप पहले टॉप की तुलना में 3% तक ऊपर नीचे हो सकता है।

इस दूसरे टॉप में वॉल्यूम पहले टॉप की तुलना में कम होता है लेकिन, जब प्राइस दूसरे टॉप से रेजिस्टेंस बनाकर वापस नीचे गिरने लगता है तो यह गिरावट बहुत तेज होती हैं।

और तेज गिरावट के साथ वॉल्यूम भी बढ़ने लगता है। 

२ टॉप के बीच में कम से कम 7 या 8 कैंडल का अंतर तो होना ही चाहिए। अगर इसमें कम अंतर हैं तो इसे एक वैलिड डबल टॉप नहीं माना जा सकता। तो इस प्रकार से डबल टॉप की रचना होती है। 

Double Top Pattern के प्रकार।

जरुरी नहीं हैं की आप को डबल टॉप पैटर्न M के आकर में ही दिखाई दे। यह अलग प्रकार के भी हो सकते है।

इस पैटर्न के टॉप ऊपर निचे हो सकते हैं। ऊपर दिए गए चित्र में आप देख सकते हैं डबल टॉप के अलग अलग प्रकार।

Double Top Pattern के प्रकार।

Double Top Pattern के लिए कोनसा Time Frame चुने ?

चार्ट पेटर्न के साथ टाइम फ्रेम का कोई इतना अधिक महत्व नहीं माना जा सकता है क्योंकि, यह हर एक टाइम फ्रेम में बन सकते हैं और हर एक टाइम फ्रेम में अच्छी तरह से काम भी करते हैं। 

अब हम समझते हैं कि दो टॉप के बीच में कम से कम कितना अंतर होना चाहिए।

  • अगर आप डबल टॉप को इंट्राडे चार्ट में देख रहे हैं तो दो टॉप के बीच में कम से कम 7 या 8 कैंडल की जेब तो होना ही चाहिए। 
  • स्विंग ट्रेडिंग के लिए दोनों के बीच में तीन से चार हफ्तों का अंतर योग्य माना जाता है। 
  • पोज़िशनल ट्रेडिंग में टॉप के बीच में 3 से 4 महीने का अंतर योग्य माना जाता है। 
  • लॉन्ग टर्म के लिए दो टॉप के बीच में 1 से 2 साल या उससे भी अधिक का अंतर हो सकता है। 

यह तीनों नियम डेली चार्ट के हिसाब से हैं। 

डबल टॉप के साथ ट्रेडिंग कैसे करे ?

तो अब हम समझते हैं कि डबल टॉप चार्ट पेटर्न के साथ हम सेल्लिंग कैसे कर सकते हैं।

डबल टॉप एक बाजार में मंदी लाने वाला पैटर्न हैं जिससे हम सिर्फ बाजार में सेल्लिंग हि कर सकते हैं।

अगर आप चार्ट में डबल टॉप की रचना देख रहे हैं, तो आपको इसमें बिकवाली करने के लिए सबसे पहले दोनों टॉप के बीच में जो सपोर्ट हैं उस सपोर्ट के low को टच करते हुए एक हॉरिजॉन्टल लाइन खींचनी होगी। 

इस हॉरिजॉन्टल लाइन को डबल टॉप चार्ट पेटर्न में नैक लाइन कहते हैं। 

अब आपको इसमें बिकवाली कर यह देखना है कि, जब प्राइस दूसरा टॉप बनाने के बाद जब कोई कैंडल नेक लाइन के नीचे क्लोजिंग दे-दे।

तो उसके बाद वाली कैंडल में हमें बिकवाली करना है और बिकवाली करने के तुरंत बाद जिस कैंडल में नैक लाइन के नीचे क्लोजिंग दी हैं उसके हाई के ऊपर का स्टॉपलॉस लगाना है। 

इसी बीच ट्रेड लेने से पहले आपको एक और बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि, आपके बिकवाली करने के पॉइंट से स्टॉप लॉस लगाने के पॉइंट के बीच का जो डिफरेंस हैं ,

वह Risk Reward Ratio के 2% के नियम के अनुसार ही होना चाहिए, तभी आपको ट्रेड लेना है। अगर डिफरेंस 2% के नियम के अनुसार नहीं हैं तो आपको यह ट्रेड नहीं लेना है। 

trading with double top pattern in hindi

ट्रेड लेने के बाद आपको ट्रेलिंग स्टॉप लॉस का उपयोग करना है।

अब इसमें आखिरी पॉइंट यह हैं कि, हमें प्रॉफिट बुक कहां पर करना है ?

प्रॉफिट बुक करने के लिए आपको यह देखना है कि जहां से प्राइस पहली बार नेक लाइन के ऊपर जाता है इसे हम नाम देते हैं पॉइंट A और जहां पर पहला टॉप बनता है इसे हम नाम देते हैं पॉइंट B . 

पॉइंट A और पॉइंट B के बीच का जो डिफरेंस है वह हमारा टारगेट है।

दूसरा टॉप बनाने के बाद जब प्राइस नेक लाइन के नीचे जाता है तब पॉइंट A  और पॉइंट B  के बीच का जो डिफरेंस हैं वह नीचे की ओर हमारा टारगेट होगा। 

जैसे कि पॉइंट A और पॉइंट B के बीच का डिफरेंस 10 पॉइंट का है तो हमारा टारगेट एक लाइन से नीचे 10 पॉइंट का होगा और जब प्राइस 10 पॉइंट के डिफरेंस तक पहुंच जाए तो हमें तुरंत प्रॉफिट बुक करना है। 

इस प्रकार से हम डबल टॉप के साथ ट्रेडिंग कर सकते हैं। 

Double Top Chart Patter Book In Hindi

अगर आप डबल टॉप चार्ट पैटर्न के बारेमे ओर पढ़ना चाहते हैं, तो आप इस किताब को हिंदी में पढ़ सकते हैं।

निष्कर्ष

यह पैटर्न बाजार में मंदी लाता हैं इस वजह से हम इससे बाइंग नहीं कर सकते हैं। यह पैटर्न इस्तेमाल करते समय हमेशा अपने साथ कन्फर्मेशन का साधन रखिये।

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FAQ

डबल टॉप पैटर्न बुलिश हैं, या बेयरिश ?

डबल टॉप एक बबेयरिश रेवेर्सल पैटर्न हैं, जिससे बाजार में मंदी आने की सम्भावना होती हैं।

डबल टॉप पैटर्न बनने से क्या होता है?

यह पैटर्न शेयर बाजार में बनने से बाजार में तेजी का ट्रेंड ख़तम होके मंदी का ट्रेंड शुरू होता हैं।

Double Top Pattern क्या हैं ?

डबल टॉप पैटर्न यह टेक्निकल एनालिसिस में एक चार्ट पैटर्न हैं जो की चार्ट पर बनता हैं।

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