Support और Resistance को हिंदी में समर्थन और प्रतिरोधक कहते हैं।
Support और Resistance बाजार में आने वाली supply और demand पर आधारित टेक्निकल हैं। जिनके विषय में हर ट्रेडर और निवेशक को जानकारी होना जरुरी हैं।
जब बाजार में सप्लाई ज्यादा होती हैं, तब शेयर की कीमत घट जाती हैं, तब मंदी का माहौल तैयार होता हैं।
इसके विपरीत जब बाजार में डिमांड ज्यादा होती हैं, तब शेयर की कीमत बढ़ जाती हैं तब तेजी का माहौल तैयार होता है।
तो आज हम What is Support and Resistance के बारेमे in Hindi में पढ़ेंग, तो चलिए जानते हैं।
Support और Resistance क्या हैं ?
Support और Resistance टेक्निकल एनालिसिस में उपयोग होने वाले महत्वपूर्ण स्तर हैं।
यह चार्ट पर ऐसे स्तर याने के levels हैं , जहा पर प्राइस आकर रुक जाती हैं।
रुकने के बाद प्राइस उस ही दिशामे जाती है या फिर उसके विपरीत दिशामे जाना शुरू करती हैं।
जिसकी मदत से हम बाजार की दिशा समझकर ट्रेडिंग कर सकते हैं।
सपोर्ट और रेजिस्टेंस के साथ टाइम का कोई महत्व नहीं हैं, क्योकि यह हर एक टाइम फ्रेम में बनते हैं और हर एक टाइम फ्रेम में काम करते हैं।
Support और Resistance २ प्रकार के होते हैं।
1. Horizontal सपोर्ट और रेसिस्टेन्स
2. Trending सपोर्ट और रेसिस्टेन्स
Horizontal सपोर्ट और रेसिस्टेन्स
Horizontal Support
इस में हम देख सकते हैं की,
- प्राइस निचे जाते हुए किसी एक लेवल पर आकर रुक जाता हैं और वहा पर सपोर्ट लेकर वापिस ऊपर जाने लगता हैं।
- इस पहले सपोर्ट को minor सपोर्ट कहते हैं।
- इसके कुछ समय बाद प्राइस फिर से उस जगह के आस पास सपोर्ट लेता हैं और फिर से घूमकर ऊपर चला जाता है।
- इस दूसरे support को स्ट्रॉन्ग सपोर्ट कहते हैं।
- तीसरी बार प्राइस फिर से उस जगह आकर सपोर्ट बनाता हैं तब उसे मेजर सपोर्ट कहते हैं।
- यह तीसरा सपोर्ट बहुत ही ज्यादा मजबूत होता हैं।
- यहाँ पर जरुरी नहीं हैं की एक साथ ३ सपोर्ट ही बन सकते हैं ३ से ज्यादा सपोर्ट भी बन सकते है।
यहाँ पर प्राइस यह संकेत दे रहा हैं की बाजार में प्राइस सप्लाई की तुलना में डिमांड अधिक हैं इसलिए प्राइस सपोर्ट के निचे जानेमे प्राइस नाकाम हो रहा हैं।
यह तेजी की निशानी हैं।
Horizontal Resistance
- जब प्राइस ऊपर जाते हुए किसी एक लेवल पर रुक जाता हैं और वहा पर रेसिस्टेन्स लेकर वापिस निचे की और आने लगता हैं।
- इस पहले रेसिस्टेन्स को हम Minor Resistance कहते हैं।
- इसके कुछ समय बाद प्राइस उस ही जगह के आस पास जाकर फिर सेरेसिस्टेन्स बनता हैं और फिर से घूम कर निचे की और चला जाता है।
- इस दूसरे रेसिस्टेन्स को स्ट्रॉन्ग रेसिस्टेन्स कहते हैं।
- इसके बाद प्राइस तीसरी बार उस लेवल पर जाकर फिर से रेसिस्टेन्स लेता हैं तो इसे हम मेजर रेजिस्टेंस कहते हैं।
- यह तीसरा रेसिस्टेन्स बहुत ही मजबूत होता हैं।
- यहाँ पर जरुरी नहीं हैं की एक साथ ३ रेसिस्टेन्स ही बन सकते हैं ३ से ज्यादा भी बन सकते है।
यहाँ पर प्राइस यह संकेत दे रहा हैं की बाजार में डिमांड की तुलना में सप्लाई अधिक हैं इसलिए प्राइस रेजिस्टेंस के ऊपर जानेमे लगातार नाकाम हो रहा हैं।
यह मंदी की निशानी हैं।
Horizontal सपोर्ट और रेसिस्टेन्स में ध्यान देनी वाली बातें।
जब आप Horizontal सपोर्ट और रेसिस्टेन्स को चार्ट पर देखते हैं तब आप को एक बात का ध्यान रखना बोहोत जरुरी हैं।
जब चार्ट में सपोर्ट और रेसिस्टेंस बनते हैं तब २ सपोर्ट और रेसिस्टेंस के बिच कम से कम ७ से ८ कैंडल की गैप होना चाहिए।
अगर २ सपोर्ट और रेसिस्टेन्स के बिच ७ से ८ कैंडल की गैप नहीं हैं तो हम उसे सपोर्ट और रेसिस्टेन्स नहीं कह सकते हैं।
Trending सपोर्ट और रेसिस्टेन्स
Trending Support
चार्ट में हम देखते हैं की बाजार अपट्रेंड में चलना शुरू हुआ है अपट्रेंड में चलते-चलते चार्ट पर पहला सपोर्ट बनता हैं और उसके बाद बाजार ऊपर चला जाता हैं।
इसके बाद चार्ट में दूसरा सपोर्ट बनता हैं, लेकिन यह सपोर्ट पहले सपोर्ट की तुलना में ऊपर की और होता हैं।
अब जबकि २ सपोर्ट तैयार हो चुके हैं, तो अगर आप पहले और दूसरे सपोर्ट के low को छूते हुए एक ट्रेंड लाइन खीचेंगे वह लाइन जब तीसरा सपोर्ट बनेगा उस सपोर्ट को छूने की संभावना ज्यादा होती है।
इसका मतलम हैं की बाजार ऊपर की और जाता रहे गा।
Trending Resistance
चार्ट में हम देखते हैं की बाजार डाउन ट्रेंड में चलना शुरू हुआ है डाउन ट्रेंड में चलते चलते चार्ट पर पहला रेजिस्टेंस बनता हैं और उसके बाद बाजार निचे की और जाता हैं।
इसके बाद चार्ट में दूसरा रेजिस्टेंस बनता हैं लेकिन यह रेजिस्टेंस पहले रेजिस्टेंस की तुलना में निचे की और होता हैं।
अब जबकि २ रेजिस्टेंस तैयार हो चुके हैं तो, अगर आप पहले और दूसरे रेजिस्टेंस के high को छूते हुए एक ट्रेंड लाइन खीचेंगे वह लाइन जब तीसरा रेजिस्टेंस बनेगा उस रेजिस्टेंस को छूने की संभावना ज्यादा होती है।
इसका मतलम हैं की बाजार निचे की और जाता रहे गा।
सपोर्ट रेजिस्टेंस और रेजिस्टेंस सपोर्ट कैसे बनता हैं ?
Support resistance कैसे बनता हैं ?
जब प्राइस एक सपोर्ट बनता है और इसके बाद प्राइस उस सपोर्ट को तोड़कर निचे चला जाता हैं और उसके बाद ठीक उस लेवल पर रेजिस्टेंस बनता है जहा पर सपोर्ट बनाया था।
इसका मतलम यहाँ पर सपोर्ट बनगया है रेजिस्टेंस। यह बनने के बाद बाजार में बिकवाली करने का संकेत मिलता हैं। यह मजबूत मंदी का संकेत होता हैं।
Resistance support कैसे बनता हैं ?
जब प्राइस एक रेजिस्टेंस बनता है और इसके बाद प्राइस उस रेजिस्टेंस को तोड़कर ऊपर चला जाता हैं और उसके बाद ठीक उस लेवल पर सपोर्ट बनता है जहा पर रेजिस्टेंस बनाया था।
इसका मतलम यहाँ पर रेजिस्टेंस बनगया है सपोर्ट । यह बनने के बाद बाजार में खरेदी करने का संकेत मिलता हैं। यह मजबूत तेजी का संकेत मिलता हैं।
सपोर्ट रेसिस्टेन्स का Breakout और Breakdown
Horizontal Support Breakdown
चार्ट पर जब horizontal सपोर्ट बनता हैं , चाहे वह एकसाथ १ हो या २ हो याफिर ३ या उससे ज्यादा हो।
कब प्राइस horizontal सपोर्ट लाइन के निचे जाकर क्लोजिंग दे दे तो इसे हम horizontal सपोर्ट का Breakdown कहते हैं।
इसका मतलम बाजार में मंदी की शुरवात होती है।
Horizontal Resistance Breakout
चार्ट पर जब horizontal resistance बनता हैं , चाहे वह एकसाथ १ हो या २ हो याफिर ३ या उससे ज्यादा हो।
जब प्राइस horizontal resistance लाइन के ऊपर जाकर क्लोजिंग दे दे तो इसे हम horizontal resistance का breakout कहते हैं।
इसका मतलम बाजार में तेजी की शुरवात होती है।
Trending Support Breakdown
चार्ट पर जब ट्रेंडिंग सपोर्ट बनता है इसके बाद तीसरा ट्रेंडिंग सपोर्ट ट्रेंड लाइन के निचे क्लोजिंग दे दे तो इसे हम ट्रेंडिंग सपोर्ट का ब्रेक डाउन कहते हैं।
इसके बाद बाजार में मंदी की शुरवात होती हैं।
Trending Resistance Breakout
चार्ट पर जब ट्रेंडिंग रेजिस्टेंस बनता है इसके बाद तीसरा ट्रेंडिंग रेजिस्टेंस ट्रेंड लाइन के ऊपर क्लोजिंग दे दे तो इसे हम ट्रेंडिंग रेजिस्टेंस का ब्रेक आउट कहते हैं।
इसके बाद बाजार में तेजी की शुरवात होती हैं।
Support and Resistance Trading Strategy.
Buying with trending support
अगर आप को चार्ट पर ट्रेंडिंग सपोर्ट दिखाई दे रहा हैं तो आप को सेल्लिंग करने के लिए यह देखना हैं की,
जब प्राइस सपोर्ट ट्रेंड लाइन को तोड़कर retracement ले तब वह पर हमें सेल्लिंग करनी चाहिए।
उसके पिछले वाले कैंडल के ऊपर आप स्टॉप लोस्स लगा सकते हैं।
तो इस प्रकार से आप ट्रेंडिंग सपोर्ट के साथ आप ट्रेडिंग कर सकते हैं।
selling with trending resistance
- अगर आप को चार्ट पर रेजिस्टेंस दिखाई दे रहा हैं तो आप को खरेदी करने के लिए यह देखना हैं की,
- जब प्राइस रेजिस्टेंस ट्रेंड लाइन को तोड़कर retracement ले तब वह पर हमें खरेदी करनी चाहिए।
- उसके पिछले वाले कैंडल के निचे आप स्टॉप लोस्स लगा सकते हैं।
Horizontal support के साथ बिकवाली ।
- आप को बिकवाली करने के लिए यह देखना हैं की जब प्राइस सपोर्ट लाइन को तोड़ दे उसके बाद प्राइस जब retracement ले वहापर आप को सेल्लिंग करनी हैं।
- सेल्लिंग करने के तुरंत बाद जिस कैंडल में horizontal सपोर्ट बन रहा हैं उसके high के निचे का स्टॉप लोस्स लगाना हैं।
- तो इस प्रकार हम Horizontal support के साथ बिकवाली कर सकते हैं।
Horizontal resistance के साथ खरेदी ।
- आप को खरेदी करने के लिए यह देखना हैं जब प्राइस रेजिस्टेंस लिंक को तोड़कर retracement ले तब वह पर आप को बाइंग करनी हैं।
- बिकवाली खरेदी के तुरंत बाद जिस कैंडल में horizontal रेजिस्टेंस बन रहा हैं उसके low के निचे का स्टॉप लोस्स लगाना हैं।
- तो इस प्रकार हम Horizontal resistance के साथ खरेदी कर सकते हैं।
इस भींच ट्रेडलेने से पहले आप को एक और बात का ध्यान रखना बहुत जरुरी हैं के आप के खरेदी या बिकवाली करने के पॉइंट से स्टॉप लोस्स लगाने के पॉइंट तक जो डिफ्रेंस हैं वह रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो के 2 % रूल के हिसाब से होना चाहिए।
ट्रेड लेने के बाद आप को ट्रेलिंग स्टॉपलॉस का इस्तेमाल करना हैं।
इसके बाद आप को प्रॉफिट बुक करने के लिए यह देखना हैं की या तो आप का ट्रेलिंग स्टॉप लोस्स हिट हो जाये तो इसे आप अपना प्रॉफिट बुक समझे या फिर चार्ट में जब कोई नेगेटिव सिग्नल बन जाये तो आप को तुरंत प्रॉफिट बुक करना हैं।
Support and Resistance Book
अगर आप सपोर्ट और रेजिस्टेंस के बारेमे और पढ़ना चाहते हैं तो आप यह किताब देख सकते हैं।
निष्कर्ष
यह थी सपोर्ट और रेजिस्टेंस के बारेमे पूरी जानकारी।
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FAQ
शेयर बजार में Support और Resistance क्या होता हैं ?
यह चार्ट पर ऐसे स्तर याने के levels हैं , जहा पर प्राइस आकर रुक जाती हैं। रुकने के बाद प्राइस उस ही दिशामे जाती है या फिर उसके विपरीत दिशामे जाना शुरू करती हैं। जिसकी मदत से हम बाजार की दिशा समझकर ट्रेडिंग कर सकते हैं।
सपोर्ट लेवल क्या होता है?
सपोर्ट लेवल वह लेवल होते हैं जहा पर प्राइस को निचे जाने में काफी संघर्ष करना पड़ता है।
शेयर बाजार में प्रतिरोध क्या है?
प्रतिरोधक को अंग्रेजी में हम Resistance कहते हैं।
प्रतिरोधक वह लेवल होता हैं जहा पर प्राइस को ऊपर जाने में काफी संघर्ष करना पड़ता है।
Support और Resistance के कितने प्रकार होते हैं ?
Support और Resistance २ प्रकार के होते हैं।
1. Horizontal सपोर्ट और रेसिस्टेन्स
2.Trending सपोर्ट और रेसिस्टेन्स
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