Pivot Point Support और Resistance Levels पर आधारित एक टेक्निकल इंडिकेटर हैं।
इन लेवल्स की मदत से चार्ट पर कैंडल्स बनने से पहले, उनके सपोर्ट और रेजिस्टेंस के स्थर का पता लगा सकते हैं क्योंकि, मार्केट का पूरा मूवमेंट Piot points पर आधारित होता हैं।
शेयर बाजार में Pivot का हिंदी अर्थ होता हैं केंद्रबिंदु।
Pivot Point के Levels से हमें यह पता चलता हैं, कोनसे लेवल्स के ऊपर शेयर buy करना हैं और कोनसे लेवल्स के निचे शेयर sell करना हैं।
इन लेवल्स का ज्यादा तर उपयोग इंट्राडे ट्रेडर्स द्वारा किया जाता हैं।
Pivot Points क्या होते हैं ?
- Pivot Points Level वह लेवल होते है, जहा पर आकर बाजार अपनी दिशा बदल देता हैं।
- Pivot Point के हर दिन अलग-अलग लेवल्स बनते हैं।
- Pivot यह बाजार का केंद्र बिंदु होता हैं क्योकि, बाजार हमेशा पिवोट पॉइंट को बिंदु रखकर ऊपर -निचे चलता है।
जैसे की गाड़ी का पहिया एक केंद्रबिंदु पर टिका होता हैं, उस प्रकार मार्किट की चाल पाइवोट पॉइंट के ऊपर टिकी होती हैं।
जब पिवोट पॉइंट चार्ट पर दीखता हैं तब Pivot Point के ऊपर – निचे कुछ Levels भी दिखाई देते हैं।
जैसे की आप निचे चित्र में देख सकते हैं।
पिवोट पॉइंट कैसे काम करता हैं ?
- पिवोट बिंदु के ऊपर आप को R1, R2, और R3 स्तर दिखाई देंगे।
- पिवोट बिंदु के निचे आप को S1,S2 और S3 स्तर दिखाई देंगे।
- इन तीनो स्तर को हम अंग्रेजी में पिवोट पॉइंट्स कहते हैं।
ऊपरी लेवल्स को हम Resistance 1,2,3 कहते हैं और निचे वाले लेवल्स को हम Support 1,2,3 कहते हैं।
Pivot Points Levels कैसे बनते हैं ?
पिवोट पॉइंट तीन चीजों से बनता हैं High, Low और Close .
चार्ट पर Candlestick के High, Low और Close के गणना के आधार पर आनेवाले दिन का Pivot Point Level निकाला जाता हैं।
यह लेवल जानने के लिए हमें खुद गणना करने की जरुरत नहीं होती, आप के trading software द्वारा ही यह गणना की जाती हैं।
Pivot Point के साथ ट्रेडिंग कैसे करें ?
इस प्रकार आप ऊपर और निचे के सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल निकाल सकते है।
इन स्तर का उपयोग करके ट्रेडिंग करना आसान हैं।
मार्किट अगर पिवोट बिंदु के ऊपर खुलता हैं, तो उस दिन तेजी की सम्भावना 60% से 80% होती हैं।
मार्किट अगर पिवोट बिंदु के निचे खुलता हैं, तो उस दिन मंदी की सम्भावना 60% से 80% होती हैं।
जिस दिन प्राइस पिवोट लेवल के ऊपर खुले उस दिन Buying करनी हैं।
जिस दिन प्राइस पिवोट लेवल के निचे खुले उस दिन Selling करनी हैं।
R2 और R3 के ऊपर प्राइस जब जाती हैं, तब बाजार Overbought होता हैं।
R2 और R3 दोनों लेवल्स के ऊपर प्राइस निकल जाये तब हमें बाइंग नहीं करनी हैं।
हमें शेयर में बाइंग P और R1 के बिच करनी हैं।
इसी प्रकार S2 और S3 के निचे प्राइस जब जाती हैं, तब बाजार Oversold होता हैं।
S2 और S3 के लेवल्स के निचे प्राइस निकल जाये तब हमें सेल्लिंग नहीं करनी हैं।
हमें शेयर में सेल्लिंग P और S1 के बिच करनी हैं।
Pivot Point Calculation Formula
अगर आप को calculation करना हैं, तो यह फार्मूला आप देख सकते हैं।
- Pivot point (PP) = (High+Low+Close)/3
- First resistance (R1) = (2xPP)-Low First support (S1) = (2xPP)-High
- Second resistance (R2) = PP+(High-Low)
- Second support (S2) = PP-(High-Low)
- Third resistance (R3) = High+2(PP-Low)
- Third support (S3) = Low-2(High-PP)
इस गणना के आधार पर पिवोट पॉइंट के लेवल्स निकाले जाते हैं।
अगले दिन का पिवोट लेवल निकालने के लिए , इस दिन के High, Low और Close प्राइस को जोड़कर उसमे ३ से भाग करिये।
इसके बाद जो संख्या आएगी वह अगले दिन का पिवोट पॉइंट होगा।
Pivot Point Calculator
अगर आप खुद से लेवल्स निकलना चाहते हैं तो आप इस कैलकुलेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
Pivot Point Book in Hindi
पिवोट पॉइंट के बारेमें आप और जानकारी पढ़ना चाहते ,हैं तो इस किताब को आप पढ़ सकते हैं।
निष्कर्ष
पिवोट पॉइंट से ट्रेडिंग करने के लिए आप को शेयर बाजार में सपोर्ट और रेसिस्टैंट को जानना बहुत जरुरी हैं।
Support और Resistance की जानकर आप यहाँ पर पढ़ सकते हैं। :-
Support और Resistance से कैसे करे ट्रेडिंग ? जाणे बुनियादी बाते और समजे लेव्हल्स.
यह थी शेयर बाजार में पिवोट पॉइंट लेवल की जानकारी।
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FAQ
Pivot Point क्या हैं ?
Pivot Point Support और Resistance Levels पर आधारित एक टेक्निकल इंडिकेटर हैं।
Pivot Point में R1, R2 और R3 क्या है?
पिवोट बिंदु के ऊपर आप को R1, R2, और R3 स्तर दिखाई देंगे। इसमें R का अर्थ होता हैं Resistance.
क्या Pivot Point ट्रेडिंग के लिए अच्छा है?
इन लेवल्स का ज्यादा तर उपयोग इंट्राडे ट्रेडर्स द्वारा किया जाता हैं। अगर मार्किट ऊपर या निचे जाती हैं तो ट्रेंड में 60% से 80% की सम्भावना होती है।
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