Indicators क्या होते हैं ?- Confirmation का साधन।

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Indicators क्या हैं ? हिंदी में हम पढ़ेंगे की उसके फायदे और नुकसान, Indicators और Oscillators में अंतर, Indicators के प्रकार।

शेयर बाजार में Indicators एक साधन हैं, जिसे हम एक संकेत या सिग्नल के रूप में इस्तेमाल करते हैं, जिससे हमें शेयर की मूवमेंट क्या होगी यह पता चलता हैं।

शेयर मार्किट में Indicators क्या होते हैं ?
शेयर मार्किट में Indicators क्या होते हैं ?

जब नया ट्रेडर शेयर मार्किट में अपनी ट्रेडिंग की सुरवात करता हैं, तब वह टेक्निकल एनालिसिस सीखता हैं।

टेक्निकल एनालिसिस में वह पहले सीखता हैं की, Price Action क्या हैं, price में movement कैसे होती हैं, कैंडलस्टिक की मदत से।

फिर हम सीखते हैं की चार्ट पर चार्ट पैटर्न्स कैसे बनते हैं और उनके काम क्या हैं, जैसे की Head & Shoulder, Double Top, Flag Pattern इत्यादि।

फिर उसके बाद हम सीखते हैं की support और resistance, trendline कैसे इस्तेमाल करते हैं।

ठीक इसके बाद कुछ traders को support और resistance कहा पर हैं, इस शेयर को कहा पे buy करे या sell करे यह समझ में नहीं आता।

तब उन्हें indicators की जरुरत पड़ती हैं , जहा पर उन्हें एक confirmation मिलता हैं।

indicators बनने के कई कारन होते हैं, लेकिन आम तौर पर यह शेयर के भाव पे आधारित होते हैं।

indicators बनाने के लिए आपको कोई गणना या हिसाब नहीं करना होता, बल्कि वह सारा काम charting platform द्वारा किया जाता हैं जहा पर आप चार्ट देखते हैं।

Indicators और Oscillators में अंतर।

  • Oscillators भी Indicators ही होते हैं, वह इंडीकेटर्स का भाग होते हैं।
  • Oscillators में अंतर यह हैं की यह किसी भी स्टॉक की एक रेंज बताते हैं ,की वह स्टॉक overbought है या oversold.
  • RSI एक Oscillator हैं जो की शेयर प्राइस की रेंज बताता हैं।

यह अंतर हैं Indicators और Oscillators में ।

Indicators के प्रकार।

Indicators के प्रकार २ प्रकार Leading Indicators और Lagging Indicators .
Indicators के प्रकार।

क्या आप को पता हैं की शेयर मार्किट में कितने Indicators हैं ? लगभग 2000 .

उनमेसे कुछ ही इंडिकेटर हैं जो की काफी प्रचलित हैं।

जैसे की RSI, Moving Average, MACD इत्यादि।

लेकिन इनमे भी २ प्रकार होते हैं, जैसे की lagging indicators और Leading Indicators .

Leading Indicators

लीडिंग इंडिकेटर उसके नाम के अनुसार स्टॉक की प्राइस भविष्य में क्या होगी, या प्राइस में क्या होने वाला यह बताता हैं।

Leading Indicators के प्रकार – CCI, RSI.

Lagging Indicators

इस का मतलम हैं रुक-रुक चलना या पीछे – पीछे चलना।

यह इंडीकेटर्स price की पीछे – पीछे चलते हैं। जहा प्राइस एक्शन मूव होगा उसके पीछे Lagging Indicators चलेंगे।

Lagging Indicators के प्रकार – MACD, Moving Averages.

Indicators के फायदे।

  • Indicators से हमें यह पता चलता हैं की, शेयर किस दिशा में जा रहा हैं। जैसे की Uptrend, Downtrend या Sideways.
  • इंडीकेटर्स से हमें एक कन्फर्मेशन मिलता हैं की, कब शेयर buy, sell करे या Entry और exit कब करे।
  • मार्किट या शेयर में आगे क्या हो सकता हैं, यह इंडिकेटर द्वारा दिखाया जाता हैं।
  • शेयर आने वाले समय में उसकी प्राइस क्या होगी यह जानकारी हमें मिलती हैं।

Indicators के नुकसान।

कुछ ट्रेडर प्राइस एक्शन देखके बोहोत अच्छी ट्रेडिंग करते हैं। लेकिन कुछ लोग इंडिकेटर का इस्तेमाल करके ठीक से फैसला नहीं ले पाते।

कभी कभी इंडिकेटर द्वारा हमें शेयर में क्या होने वाला हैं, यह पता चल जाता हैं लेकिन अगर मार्किट में कोई उछाल या गिरावट आती हैं तो हमें गलत सिग्नल मिल जाता हैं।

अगर हम इंडिकेटर द्वारा बताये सिग्नल से शेयर में buying या selling करे तो ठीक उसका उल्टा भी हो सकता हैं।

निष्कर्ष

हमें ज्यादा ध्यान प्राइस एक्शन पे लगाना चाहिए, Indicators का उपयोग सिर्फ कन्फर्मेशन के लिए होता हैं।

एक से ज्यादा इंडीकेटर्स का उपयोग करने से हम निर्णय नहीं ले पाते की शेयर में क्या करना हैं।

FAQ

Q.1.Indicators और Oscillators में क्या अंतर हैं ?

Ans: Oscillators भी Indicators ही होते हैं, वह इंडीकेटर्स का भाग होते हैं।
Oscillators में अंतर यह हैं की, यह किसी भी स्टॉक की एक रेंज बताते हैं ,की वह स्टॉक overbought है या oversold.
RSI एक Oscillator हैं जो की शेयर प्राइस की रेंज बताता हैं।

Q.2. Indicators के कितने प्रकार हैं ?

Ans: Indicators २ प्रकार होते हैं, जैसे की lagging indicators और Leading Indicators .

Q.3. शेयर मार्किट में Indicators का क्या उपयोग होता हैं ?

Ans: Indicators का उपयोग शेयर में कन्फर्मेशन के लिए होता हैं।

Q.4. शेयर मार्किट में Indicators क्या होते हैं ?

Ans: शेयर बाजार में Indicators एक साधन हैं, जिसे हम एक संकेत या सिग्नल के रूप में इस्तेमाल करते हैं, जिससे हमें शेयर की मूवमेंट क्या होगी यह पता चलता हैं।

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१. Line Chart ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी – Chart Patterns के साथ हिंदी में।

२. शेयर बाजार निवेश के ८ सुनहरे नियम।

३. Bollinger Bands Indicator क्या हैं ?- 1980 में विकसित एक इंडिकेटर।

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