Leading और Lagging Indicators में अंतर और उपयोग हिंदी में।

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आज हम जानेंगे Leading और Lagging Indicators के बारेमे।

Leading और Lagging इंडीकेटर्स सिर्फ कन्फर्मेशन के तौर पर इनका इस्तेमाल होता हैं, जिससे हमें स्टॉक किस दिशा में जा रहा हैं, या किसी शेयर में buy और sell के कब करना हैं यह signals मिलते हैं।

शेयर बाजार में Indicators एक साधन हैं, जिसे हम एक संकेत या सिग्नल के रूप में इस्तेमाल करते हैं, जिससे हमें शेयर की मूवमेंट क्या होगी यह पता चलता हैं।

यह आप ने Indicators क्या हैं ? हिंदी में इस ब्लॉग में सीखा होगा।

Leading और Lagging Indicators में अंतर।
Leading और Lagging Indicators के बारेमे जानकारी। Leading vs Lagging Indicators हिंदी में।
Leading और Lagging Indicators में अंतर।

तो इस इंडीकेटर्स के और भी प्रकार होते हैं जैसे के Leading indicator और Lagging Indicators .

आज हम इन दोनों इंडीकेटर्स के बारेमे सीखेंगे की, यह Indicators क्या हैं, इनके फायदे नुकसान और इनके प्रकार हिंदी में।

Difference between Leading and Lagging indicator in Hindi

Leading indicator क्या हैं ?

Leading indicator जैसे उसके नाम से पता चलता हैं की जो प्राइस को लीड करे या आगे चले।

यानि प्राइस में जो भी मूव आने वाला हैं वह पहले ही पता चल जाता हैं।

leading Indicator पहले मूव होते हैं, फिर प्राइस में हलचल होती हैं।

Leading indicators कोनसे हैं ?

Commodity Channel Index (CCI), Relative Strength Index (RSI), William % R यह कुछ प्रसिद्द Leading indicators हैं।

Commodity Channel Index (CCI) - Leading indicator
Commodity Channel Index (CCI)
Relative Strength Index (RSI) - Leading indicator
Relative Strength Index (RSI)
William % R - Leading indicator
William % R

वैसे तो बोहोत सारे leading इंडीकेटर्स होते हैं, लेकिन यह कुछ लीडिंग इंडिकेटर के उदहारण हैं।

आप ऊपर दिए गए इमेज में देख सकते हो की इंडिकेटर प्राइस एक्शन के आगे चल रहे हैं।

Leading Indicators के फायदे।

  • इससे हमें किसी भी स्टॉक में Entry या Exit का सिग्नल पहले मिल जाता हैं, की शेयर bullish हैं या bearish .
  • Leading Indicators से हमें ज्यादा signal मिलते हैं, इस वजह से हमें ज्यादा ट्रेडिंग करने के अवसर मिलते हैं।

Leading Indicators के नुकसान।

इतने ज्यादा signal मिलने के कारन ट्रेडर्स confuse हो जाते हैं की, इनमेसे सही और गलत signal कोनसे हैं।

इस वजह से ज्यादा signal मिलने के कारन हमें गलत signal मिलने की संभावना बढ़ जाती हैं।

ज्यादा signal मिलने के कारन कोई ट्रेडर over trading भी कर लेते हैं और शेयर बाजार में loss होने की संभावना बढ़ जाती हैं।

यह कुछ Leading Indicators के pros और cons थे।

Lagging Indicators क्या हैं ?

Lagging Indicators नाम से पता चल रहा हैं की lag होना याने की रुक-रुक कर चलना या पीछे-पीछे चलना।

Lagging Indicators जो होते हैं वह प्राइस एक्शन के पीछे-पीछे चलते हैं

Lagging indicator कोनसे हैं ?

Moving Averages – Exponential, Simple, Weighted, Variable. और Moving average convergence divergence – (MACD) यह कुछ प्रसिद्ध Lagging indicators हैं।

Moving Averages – Exponential, Simple, Weighted, Variable.

50 Day Moving Average - Lagging Indicators
50 Day Moving Average

जितने भी प्रकार के मूविंग एवरेज होते हैं, वह Lagging Indicators हैं।

Moving average convergence divergence - (MACD) - Lagging Indicators
Moving average convergence divergence – (MACD)

यह कुछ lagging इंडिकेटर के उदहारण हैं।

आप ऊपर दिए गए इमेज में देख सकते हो की इंडिकेटर प्राइस एक्शन के पीछे चल रहे हैं।

Lagging Indicators के फायदे

  • इस में प्राइस जिस दिशा में जाता हैं इंडिकेटर भी उस ही दिशा में जाता हैं।
  • इससे हमें किसी भी शेयर या मार्किट का ट्रेंड समझ ने में मदत मिलती हैं।
  • इस इंडिकेटर में signals कम आप को मिलते हैं इस वजह से आप की over trading नहीं हो पाती ।

Lagging Indicators के नुकसान।

सबसे पहला नुकसान यह हैं की, इसमें आप को देरसे signals मिलेंगे। इस वजह से आप किसी शेयर में entry या exit देर से करेंगे।

शेयर में entry या exit देर से लेने के कारन आप का risk और reward ration ख़राब हो जाता हैं।

इस वजह से आप के profit कम हो जाते हैं और loss बढ़ जाते हैं।

यह कुछ Lagging Indicators के pros और cons थे।

(ऊपर दिए गए इंडिकेटर सारे टेक्निकल चार्ट पर या सॉफ्टवेयर में उपलब्ध हैं। )

Leading and Lagging indicator book in Hindi

अगर आप इंडिकेटर के बारेमे अधिक जानना चाहते हो तो आप यह किताब पढ़ सकते हैं।

निष्कर्ष

Indicators शेयर मार्किट में एक साधन हैं।

ऊपर दिए इंडीकेटर्स सिर्फ कन्फर्मेशन के तौर पर इनका इस्तेमाल होता हैं, जिससे हमें स्टॉक किस दिशा में जा रहा हैं या किसी शेयर में buy और sell के signals मिलते हैं।

हमारे निर्णय इन इंडीकेटर्स के बजाय price action पर होने चाहिए।

FAQ

Q.1. शेयर बाजार में Leading indicators क्या होते है ?

Ans: Leading indicator जैसे उसके नाम से पता चलता हैं की जो प्राइस को लीड करे या आगे चले।

Q.2. शेयर बाजार में Lagging indicators क्या होते है ?

Ans: Lagging Indicators जो होते हैं वह प्राइस एक्शन के पीछे-पीछे चलते हैं।

Q.3. Leading Indicators का फायदा क्या हैं ?

Ans: इससे हमें किसी भी स्टॉक में Entry या Exit का सिग्नल पहले मिल जाता हैं, की शेयर bullish हैं या bearish .
Leading Indicators से हमें ज्यादा signal मिलते हैं, इस वजह से हमें ज्यादा ट्रेडिंग करने के अवसर मिलते हैं।

Q.4. Lagging Indicators का फायदा क्या हैं ?

Ans: इस में प्राइस जिस दिशा में जाता हैं इंडिकेटर भी उस ही दिशा में जाता हैं।
इससे हमें किसी भी शेयर या मार्किट का ट्रेंड समझ ने में मदत मिलती हैं।

Q.5. Leading indicators कोनसे हैं ?

Ans: Commodity Channel Index (CCI), Relative Strength Index (RSI), William % R यह कुछ प्रसिद्द Leading indicators हैं।

Q.6. Lagging indicators कोनसे हैं ?

Ans: Moving Averages – Exponential, Simple, Weighted, Variable. और Moving average convergence divergence – (MACD) यह कुछ प्रसिद्ध Leading indicators हैं।

Q.7. शेयर बाजार में इंडिकेटर कितने प्रकार के होते हैं ?

Ans: शेयर बाजार में 2 प्रकार के इंडिकेटर होते हैं।
पहला हैं Leading Indicator और दूसरा हैं Lagging Indicator.

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