अगर किसी कंपनी को पैसो की जरुतत हैं और वह लोंगो से पैसे जुटाना चाहती हैं, तो उस कंपनी को स्टॉक मार्किट में list होना पड़ता हैं इसे हम ipo कहते हैं।
ipo का फुल फॉर्म (Long Form) हैं initial public offering .
आईपीओ में कंपनी BSE या NSE पर list हो जाती हैं और ipo के अंदर निवेशक निवेश करते हैं, जैसे की बड़ी संस्थान, बड़े निवेशक (गैर संस्थागत) और आम निवेशक।
![आईपीओ क्या हैं हिंदी में
IPO किसे कहते हैं
ipo का फुल फॉर्म (Long Form) हैं initial public offering .](https://i0.wp.com/tradeequity.in/wp-content/uploads/2022/05/IPO-क्या-हैं.jpg?resize=560%2C315&ssl=1)
इस आर्टिकल में हम पढ़ेंगे की IPO किसे कहते हैं ? ,आईपीओ क्या हैं हिंदी में , कंपनी के लिए आईपीओ क्यों जरुरी हैं ?, कंपनी शेयर बाजार में ipo क्यों लाती हैं ? और शेयर बाजार में ipo लाने की प्रक्रिया in Hindi .
१.कंपनी के लिए आईपीओ क्यों जरुरी हैं ?
जब कंपनी सुरु होती हैं तब वह अपने परिवार दोस्तों से बैंक या फिर निजी निवेशकों से पैसे जुटाती हैं कंपनी का विकास करने के लिए।
जब एक सिमा आती हैं जहा पर निजी निवेशकों से पैसे लेना काफी नहीं होता हैं, तो वह शेयर बाजार में अपने कंपनी का आईपीओ लाते हैं शेयर मार्किट से पैसे जुटाने के लिए, क्योकि शेयर बाजार में निवेशकों की संख्या ज्यादा होती हैं।
उसके आलावा संस्थानों से भी पैसे लिए जा सकते हैं जैसे के म्यूच्यूअल फण्ड, पेंशन फण्ड इनके पास बोहोत पैसे होते हैं निवेश करने के लिए।
इन सभी निवेशकों से कंपनी में निवेश करने के लिए कंपनी का आईपीओ लाया जाता हैं।
२.कंपनी शेयर बाजार में ipo क्यों लाती हैं ?
कंपनी के शेयर मार्किट में आईपीओ लेन के ३ मुख्य कारन हैं।
१.Expansion
अगर किसी कंपनी को अपना व्यापर बड़ा करना हैं, तो वह कंपनी अपना ipo लाती हैं।
२.कर्जा
किसी कंपनी के ऊपर ज्यादा कर्जा हैं और उसे कर्जा कम करना हैं तो वह आईपीओ लाती हैं।
३.पुराने निवेशकों से छुटकारा
अगर उस कंपनी के पुराने निवेशक कंपनी से बहार जाना चाहते हैं, तो कंपनी और पैसो के लिए अपना आईपीओ लती हैं।
३.शेयर बाजार में ipo लाने की प्रक्रिया
शेयर बाजार में आईपीओ लेन की प्रक्रिया कुछ इस प्रकार हैं :-
![IPO की जानकारी हिंदी में](https://i0.wp.com/tradeequity.in/wp-content/uploads/2022/05/IPO-ki-jankari-hindi-me.jpg?resize=560%2C315&ssl=1)
१.इन्वेस्टमेंट बैंक
सबसे पहले अगर कोई कंपनी आईपीओ लाना चाहती हैं तो वह इन्वेस्टमेंट बैंक के पास जाती हैं।
और इन्वेस्टमेंट बैंक जिसे हम मर्चण्ट बैंक भी कहते हैं वह उस कंपनी का आईपीओ लाती हैं।
२.क़ानूनी प्रक्रिया और नियम
इस भाग में कंपनी की सारी क़ानूनी प्रक्रिया की जाती हैं और आईपीओ के नियम के बारेमे जानकारी प्राप्त होती हैं और यह काम भी इन्वेस्टमेंट बैंक के दयारा किया जाता हैं।
३.कीमत
इसमें कंपनी की वैल्यूएशन के आधार पर शेयर की प्राइस रखी जाती हैं इंवेस्टमेंट बैंक के द्वारा।
४.वितरण
इस भाग में कंपनी के शेयर का वितरण होता हैं बड़ी संस्थानों में ,बड़े निवेशक (गैर संस्थागत) और आम निवेशकों के बिच जो की इन्वेस्टमेंट बैंक के द्वारा किया जाता हैं।
५.शेयर के भाग
शेयर का वितरण करने के बाद शेयर के भाग किये जाते हैं, बड़ी संस्थानों में ,बड़े निवेशक (गैर संस्थागत) और आम निवेशकों के बिच।
जैसे की बड़ी संस्थानों में शेयर के ५० % शेयर दिए जाते हैं।
बड़े निवेशक (गैर संस्थागत) में १५ %
और आम निवेशकों के बिच ३५ % के शेयर दिए जाते हैं।
६.Listing on stock exchange
इस पड़ाव में शेयर BSE या NSE पे लिस्ट हो जाता हैं।
इस में बिडिंग या ऑफर ३ से ५ दिन तक रखा जाता हैं।
४.निष्कर्ष
आईपीओ निवेशकों के निवेश के लिए और कंपनी के विकास के लिए एक शेयर बाजार का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
आईपीओ शेयर मार्किट में लिस्ट हो जाने के बाद demand और supply के आदर पर उस कंपनी के शेयर का भविष्य तय होता हैं।
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५.FAQ
Q.1. कंपनियों के लिए आईपीओ क्यों जरुरी हैं ?
Ans: विकास करेने के लिए कंपनियों को पैसो की जरुरत होती हैं। शेयर बाजार में निवेशकों की संख्या ज्यादा होती हैं इसलिए कंपनी अपने ipo लाती हैं।
Q.2. आईपीओ किसे कहते हैं ?
Ans: अगर किसी कंपनी को पैसो की जरुतत हैं और वह लोंगो से पैसे जुटाना चाहती हैं, तो उस कंपनी को स्टॉक मार्किट में list होना पड़ता हैं इसे हम ipo कहते हैं।
Q.3. आईपीओ की फुल फॉर्म क्या है ?
Ans: initial public offering
Q.4. कंपनी शेयर बाजार में ipo क्यों लाती हैं ?
Ans: निवेशकों से पैसे जुटाने के लिए ताकि उस कंपनी का विकास हो सके।